नई दिल्ली। किश्तवाड़ हिंसा को लेकर आज संसद में भारी हंगामा मचा। दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभी की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने सदन में बहस की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 18 मिनट के लिए रोक दी गई। जैसी ही कार्यवाही 11.18 बजे शुरू हुई एक बार फिर जोरदार हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही भी पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में उप-सभापति पी जे कुरियन ने किश्तवाड़ हिंसा पर बोलने के लिए विपक्ष के नेता अरूण जेटली का नाम पुकारा तो बहुजन समाज पार्टी के सदस्य यह आश्वासन मांगने लगे कि इस मुद्दे पर उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाए। दूसरी ओर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने खड़े होकर कहा कि गृह मंत्रालय का इस मुद्दे पर बयान तैयार है और इसके बाद बाकी सदस्य बोल सकते हैं।
लेकिन कुरियन का कहना था कि सरकार से बयान के बारे में पहले से उन्हें सूचना नहीं मिली है। चिदंबरम ने कहा कि मैं विनम्रतापूर्वक आसन के साथ विरोध दर्ज करवा रहा हूं। यह नई परिपार्टी है। सरकार का बयान पहले होना चाहिए। कांग्रेस के बाकी सदस्य भी खड़े होकर अपना विरोध दर्ज कराने लगे। आसन की व्यवस्था का विरोध करने वालों में अम्बिका सोनी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ल और सत्यव्रत चतुर्वेदी भी शामिल हो गए। दूसरी ओर भाजपा के सदस्यों ने शोर करना शुरू कर दिया कि आसन की व्यवस्था का विरोध हो रहा है और सरकार खुद ही नहीं चाहती कि सदन सुचारू रुप से चले।
विपक्ष के नेता को पहले बोलने का मौका देने की व्यवस्था पर कुरियन कायम थे और सत्ता पक्ष चिदंबरम को पहले बयान देने की अनुमति की मांग को लेकर शोर कर रहा था। इस स्थिति में सदन की बैठक कुरियन ने आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले आज बीजेपी सांसद बलबीर पुंज ने किश्तवाड़ के मामले में राज्य सभा में प्रश्नकाल स्थगन का नोटिस दिया। कीर्ति आजाद ने लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगन का नोटिस दिया। बीजेपी इस घटना पर चर्चा चाहती है। बीजेपी का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार हालात को काबू करने में नाकाम रही है।
किश्तवाड़ के पीडीपी के एमएलसी सईद असगर अली ने आरोप लगाया कि सरकार के पास पिछले 6 महीनों से ये इनपुट था कि किश्तवाड़ में कुछ लोग सांप्रदायिक हिंसा करवाने की कोशिश में हैं। इसकी जानकारी सरकार और प्रशासन दोनों को थी। मुख्यमंत्री भी जानते थे लेकिन तब भी इस सब को गंभीरता से नहीं लिया गया और ये हादसा हुआ।
उधर किश्तवाड़ हिंसा पर उमर अब्दुल्ला सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करेंगे। मालूम हो कि जम्मू के 8 जिलो में पिछले 3 दिनों से कर्फ्यू जारी है। जम्मू को जानेवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से ठप है। मोबाइल और इंटरनेट सेवा जम्मू में बंद है। स्कूल कॉलेज भी बंद हैं।
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